Smart Electricity Meter : मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी दफ्तरों के पुराने मीटर हटाकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला किया है। इससे न सिर्फ बिजली बिल का बकाया खत्म होगा, बल्कि भुगतान की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। सरकार ने एडवांस बिल जमा करने पर छूट और ब्याज में राहत देने का प्लान बनाया है, जिससे बिजली कंपनियों को बार-बार रिमाइंडर भेजने की झंझट नहीं होगी।
बकाया चुकाओ, नया मीटर पाओ
सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक पुराने बिजली बिल नहीं चुकाए जाएंगे, तब तक नया स्मार्ट मीटर नहीं मिलेगा। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सरकारी दफ्तरों को निर्देश दिए हैं कि पहले बकाया बिल क्लियर करें, तभी नया मीटर मिलेगा। इससे सरकार को भी बकाया वसूलने में आसानी होगी।
एडवांस भुगतान पर छूट और फायदे
सरकारी दफ्तरों को कहा गया है कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच आए सबसे ज्यादा बिजली बिल के दोगुने की राशि एडवांस में जमा करें। इससे प्रीपेड स्मार्ट मीटर में पहले से ही बैलेंस रहेगा और बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रहेगी।
इस योजना के तहत मिलने वाले फायदे
- 6 महीने तक एडवांस भुगतान करने पर खास छूट और ब्याज में राहत मिलेगी
- अगर बैलेंस खत्म हो जाता है तो भी 6 महीने तक कनेक्शन नहीं कटेगा
आम उपभोक्ताओं को भी होगा फायदा
सरकार ने आम जनता को भी इस योजना में राहत देने की योजना बनाई है। छोटे और घरेलू उपभोक्ताओं को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली खपत पर 20% तक की छूट मिल सकती है।
इसके अलावा
- बड़े उपभोक्ताओं के लिए भी छूट और रिबेट की सुविधा मिल सकती है
- स्मार्ट मीटर से बिजली की सही खपत का आंकलन होगा, जिससे ज्यादा बिल आने की समस्या नहीं होगी
- बिजली चोरी और गलत बिलिंग की समस्या भी खत्म हो जाएगी
स्मार्ट मीटर कैसे काम करेगा
स्मार्ट मीटर मोबाइल के प्रीपेड प्लान की तरह काम करेगा। इसमें पहले से बैलेंस डालना होगा, तभी बिजली की सप्लाई चालू रहेगी।
स्मार्ट मीटर की खासियत
- उपभोक्ताओं को पहले ही बिजली का रिचार्ज करना होगा
- बैलेंस खत्म होने पर तुरंत नया रिचार्ज करना होगा, ताकि बिजली कटी न जाए
- स्मार्टफोन ऐप और ऑनलाइन पोर्टल से बिजली खपत को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा
- बिजली कंपनियों को मीटर रीडिंग लेने की जरूरत नहीं होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी
अब तक कितने स्मार्ट मीटर लगे
मध्य प्रदेश में 1.26 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से 11 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। सरकार ने पहले चरण में 35 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है, जिससे बिजली आपूर्ति में सुधार होगा।
स्मार्ट मीटर के फायदे और कुछ चुनौतियां
फायदे
बिजली खर्च को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद मिलेगी
बिजली चोरी पर रोक लगेगी, जिससे कंपनियों का घाटा कम होगा
सटीक बिलिंग और पारदर्शी भुगतान प्रणाली मिलेगी
बिजली की खपत को नियंत्रित करने में आसानी होगी
कुछ चुनौतियां
ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की दिक्कत के कारण समस्या हो सकती है
स्मार्ट मीटर लगाने का शुरुआती खर्च ज्यादा हो सकता है
डिजिटल भुगतान की जानकारी कम होने से कुछ उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है
मध्य प्रदेश सरकार का ये कदम सरकारी दफ्तरों और आम जनता के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। स्मार्ट मीटर से न सिर्फ बिजली बिल सही आएंगे, बल्कि बिजली चोरी और बकाया भुगतान की समस्या भी कम होगी। जल्द ही पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की योजना है, जिससे बिजली व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी।
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