Salary Hike : नवंबर में, सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। इससे कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और महंगाई का असर कम होगा। इस फैसले से कर्मचारियों और पेंशनर्स में खुशी की लहर है। अब इस फैसले से जुड़ी कुछ अहम जानकारियों पर नजर डालते हैं।
वेतन आयोग का उद्देश्य और काम : वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को महंगाई के मुताबिक निर्धारित करने के लिए काम करता है। इसमें शामिल विशेषज्ञों की टीम महंगाई, अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्तीय स्थिति का ध्यान रखते हुए वेतन संरचना तय करती है।
वेतन आयोग क्यों जरूरी है? कर्मचारियों को फिलहाल सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी और पेंशन मिल रही है, लेकिन अब आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों में सरकार को एक नया, उचित और आकर्षक सैलरी स्ट्रक्चर तैयार करना होगा। इसके अलावा, सरकार कर्मचारियों की प्रदर्शन को भी ध्यान में रखेगी।
कर्मचारियों के लिए वृद्धि का अनुमान : सैलरी और पेंशन में इजाफा मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर पर आधारित है। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इसके मुताबिक, नए वेतन आयोग में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2.27 गुना बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, सातवें वेतन आयोग के लागू होने से पहले कर्मचारी की सैलरी 7000 रुपये थी, जो अब 18,000 रुपये तक हो गई है।
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव : आठवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ सकता है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 41,000 से 51,480 रुपये तक हो सकती है, जिससे महंगाई का असर कम होगा।
पेंशन में बढ़ोतरी : पेंशनर्स को भी इस नए वेतन आयोग का फायदा मिलेगा। दिल्ली में रह रहे चार लाख कर्मचारियों को भी इसका असर होगा। अगर सरकार इन सिफारिशों को स्वीकार करती है, तो रिटायर्ड कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, सैलरी और पेंशन में 186% का इजाफा हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर क्यों अहम है?
फिटमेंट फैक्टर का उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारना और महंगाई से बचाना है। यह वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बदलाव करता है।
सातवें वेतन आयोग के बाद क्या होगा?
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, सरकार 1 जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग लागू कर सकती है। इसमें कर्मचारियों की सैलरी के अलावा महंगाई भत्ता, मेडिकल भत्ता, आवास भत्ता आदि शामिल होंगे, जिनसे कर्मचारियों की सैलरी दोगुनी हो सकती है।
राज्य सरकारों पर असर : राज्य सरकारें भी इस तरह की बढ़ोतरी कर सकती हैं। हालांकि, ये राज्य अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर परिवर्तन कर सकती हैं और उन्हें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन करना अनिवार्य नहीं है।
यह नया वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ा मौका साबित हो सकता है, जिससे उनकी सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है।
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