RBI New Rule : आजकल हर किसी के पास बैंक खाता तो होता ही है, क्योंकि यह पैसों को सुरक्षित रखने और बचत करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आपके बैंक खाते में हर महीने एक न्यूनतम बैलेंस होना जरूरी है? अगर ऐसा नहीं हुआ तो बैंक आपसे चार्ज वसूल सकता है। कई लोग इस नियम से अनजान होते हैं और जब उनके खाते से चार्ज कटता है, तो उन्हें बाद में पता चलता है।
बैंक खाता और न्यूनतम बैलेंस का नियम
हर बैंक अपने ग्राहकों के लिए न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम बनाता है। मतलब यह कि आपको अपने खाते में तय की गई एक न्यूनतम राशि बनाए रखनी होगी। अगर बैलेंस तय सीमा से कम हुआ, तो बैंक आपसे पेनल्टी के रूप में कुछ पैसे काट सकता है। यह राशि बैंक और खाते के प्रकार पर निर्भर करती है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के खाताधारकों के लिए भी ऐसा ही नियम है। हालांकि, अगर आपके पास SBI का बेसिक सेविंग्स अकाउंट (Basic Savings Bank Deposit Account) है, तो आपको न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर आपका खाता रेगुलर सेविंग्स अकाउंट है, तो आपको न्यूनतम बैलेंस रखना होगा।
SBI का न्यूनतम बैलेंस नियम
SBI अलग-अलग जगहों के हिसाब से अलग न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम बनाता है:
- मेट्रो शहरों की शाखाओं में – 3000 रुपये
- छोटे शहरों (सेमी अर्बन ब्रांच) – 2000 रुपये
- ग्रामीण इलाकों की शाखाओं में – 1000 रुपये
अगर किसी बड़े शहर में आपका खाता है और उसमें 3000 रुपये से कम बैलेंस है, तो बैंक आपसे न्यूनतम चार्ज वसूल सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी खाते में 1500 रुपये से कम बैलेंस बचा है, तो हर महीने 10 रुपये का चार्ज कट सकता है। वहीं, अगर बैलेंस 2250 रुपये (3000 रुपये के 75% से कम) से नीचे चला जाता है, तो बैंक 15 रुपये की पेनल्टी के साथ 10 रुपये का अतिरिक्त चार्ज भी लगा सकता है।
HDFC बैंक के नियम
HDFC बैंक भी अपने ग्राहकों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने का नियम रखता है।
- मेट्रो शहरों में – कम से कम 10,000 रुपये
- छोटे शहरों (सेमी अर्बन ब्रांच) – 5,000 रुपये
- ग्रामीण इलाकों में – 2,500 रुपये या 5,000 रुपये (बैंक की नीति के आधार पर)
अगर कोई ग्राहक मेट्रो शहर में रहता है और उसके खाते में 10,000 रुपये से कम बैलेंस है, तो उसे हर महीने 150 रुपये का चार्ज देना पड़ सकता है। अगर बैलेंस 5,000 से 7,500 रुपये के बीच है, तो चार्ज 300 रुपये तक बढ़ सकता है। और अगर बैलेंस 2,500 रुपये से 5,000 रुपये के बीच चला जाता है, तो बैंक 600 रुपये प्रति माह का चार्ज लगा सकता है।
क्यों जरूरी है न्यूनतम बैलेंस रखना
बैंक न्यूनतम बैलेंस इसलिए अनिवार्य करता है ताकि वह अपनी बैंकिंग सेवाओं को सुचारु रूप से चला सके। बैंक को अपने ग्राहकों को एटीएम, नेट बैंकिंग, चेक बुक, और अन्य सुविधाएं देने के लिए एक निश्चित फंड की जरूरत होती है। अगर ग्राहक के खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहेगा, तो बैंक को इससे नुकसान हो सकता है।
कैसे बच सकते हैं चार्ज से
अगर आप चाहते हैं कि आपके खाते से कोई अतिरिक्त चार्ज न कटे, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा:
- खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें – अपने खाते के न्यूनतम बैलेंस नियम को समझें और उसमें तय की गई राशि से कम पैसे न रखें
- बेसिक सेविंग्स अकाउंट खोलें – अगर आपको लगता है कि आप न्यूनतम बैलेंस नहीं बनाए रख सकते, तो SBI या अन्य बैंकों में बेसिक सेविंग्स अकाउंट खोल सकते हैं। इसमें कोई मिनिमम बैलेंस नहीं रखना पड़ता
- अकाउंट अलर्ट सेट करें – बैंक के SMS और Email अलर्ट को एक्टिवेट करें ताकि आपको पता चले कि आपका बैलेंस कब कम हो रहा है
- अनावश्यक चार्ज से बचें – अगर आपको ज्यादा ट्रांजेक्शन करने की जरूरत नहीं पड़ती, तो कम चार्ज वाले खाते का चुनाव करें
अगर आप बैंकिंग सेवाओं का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं और किसी भी तरह के अतिरिक्त शुल्क से बचना चाहते हैं, तो अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी है। SBI, HDFC और अन्य बैंकों के नियमों को समझकर आप आसानी से अपने पैसे बचा सकते हैं और बिना किसी परेशानी के बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
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