RBI FD Rules 2025 : फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियमों में अक्सर बदलाव होते रहते हैं। हाल ही में RBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। आइए, जानते हैं इसके बारे में!
RBI FD Rules
भारत में ज्यादातर लोग फिक्स डिपॉजिट में निवेश करना पसंद करते हैं। ये एक सुरक्षित तरीका माना जाता है, क्योंकि यहां पर गारंटीड रिटर्न मिलता है। अब, RBI ने इस नियम में कुछ बदलाव किए हैं, जिसका सीधा फायदा निवेशकों को हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे निकालने के नियमों में बदलाव किया है। पहले बैंक 15 लाख रुपए तक की फिक्स डिपॉजिट पर समय से पहले पैसे निकालने की सुविधा देता था।
अब, RBI ने ये लिमिट बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी है। इसका मतलब है कि अब अगर आपको पैसे की जरूरत हो, तो आप अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट को मैच्योरिटी से पहले तोड़ सकते हैं और निवेशक अपनी जमा रकम वापस ले सकते हैं।
RBI FD Rules: बैंक दो तरह की एफडी ऑफर करते हैं
बैंक दो तरह की फिक्स डिपॉजिट स्कीम्स ऑफर करते हैं: कॉल लेवल और नॉन-कोलेबल।
नॉन-कोलेबल एफडी स्कीम का मतलब है कि आप समय से पहले, यानी मैच्योरिटी से पहले अपना पैसा निकाल सकते हैं। वहीं, कॉल लेवल एफडी स्कीम में आप ऐसा नहीं कर सकते। हालांकि, नॉन-कोलेबल एफडी में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर बैंक जुर्माना वसूल सकता है, जबकि कॉल लेवल एफडी में ऐसा कोई जुर्माना नहीं होता। एक फायदा ये है कि नॉन-कोलेबल एफडी पर सामान्य एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है, क्योंकि इसमें पैसा ब्लॉक रहता है।
क्या हुआ बदलाव, जानिए
आरबीआई ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें नॉन-कोलेबल एफडी स्कीम के लिए समय से पहले पैसा निकालने की न्यूनतम राशि को 15 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया है। इसका मतलब है कि अब एक करोड़ और उससे कम राशि के सभी डोमेस्टिक टर्म डिपॉजिट्स में समय से पहले पैसे निकालने की सुविधा मिलेगी।
सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि यह नियम NRE और NRO डिपॉजिट्स पर भी लागू होगा। इसके अलावा, सभी कमर्शियल बैंक और कोऑपरेटिव बैंकों को इस निर्देश का पालन करना होगा। अब, बैंकों को NRE/NRO फिक्स्ड डिपॉजिट्स में प्री-मैच्योरिटी विड्रॉल ऑप्शन देने की छूट होगी, लेकिन एक करोड़ और उससे कम राशि वाले डिपॉजिट्स में यह सुविधा जरूर दी जाएगी।
आरबीआई ने 2025 से लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे अब बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर आकर्षक ब्याज दरें मिल रही हैं।
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