Public Holiday 2025 : तमिलनाडु में पोंगल के मौके पर स्कूल-कॉलेजों को लेकर बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने 14 से 19 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की है।
यह फैसला सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूल-कॉलेजों पर लागू होगा। पोंगल, जो तमिलनाडु का खास त्योहार है, इसे धूमधाम से मनाने के लिए स्टूडेंट्स और टीचर्स को घर पर ज्यादा समय बिताने का मौका मिलेगा। इस फैसले से सभी में खुशी का माहौल है और अब सब अपने पारंपरिक त्योहार का आनंद ले सकेंगे।
तमिलनाडु के स्कूल-कॉलेज बंद 15 से 19 जनवरी
तमिलनाडु सरकार ने 15 से 19 जनवरी तक स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियों का ऐलान किया है। इन पांच दिनों में पोंगल, तिरुवल्लुवर दिवस और उझावर थिरुनल जैसे खास त्योहार शामिल हैं।
यह छुट्टियां छात्रों और शिक्षकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई हैं। पोंगल के बाद 15 जनवरी को तिरुवल्लुवर दिवस और 16 जनवरी को उझावर थिरुनल मनाया जाएगा। इन दिनों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व देखते हुए सरकार ने लोगों को परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका दिया है।
तमिलनाडु का खास त्योहार पोंगल
पोंगल तमिलनाडु का सबसे बड़ा और फेमस त्योहार है, जिसे खेती-बाड़ी से जुड़ा माना जाता है। यह फसल कटाई के समय मनाया जाता है, जब किसान अपनी मेहनत का फल पाते हैं। “पोंगल” का मतलब है “उबालना,” और इसे नए मौसम की शुरुआत के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।
इस त्योहार में किसान अपनी नई फसल के लिए भगवान का आभार जताते हैं और अगली उपज के लिए प्रार्थना करते हैं। खास पूजा होती है, जिसमें गाय, बैल, और बकरियों को भी सम्मान दिया जाता है, क्योंकि ये जानवर खेती में अहम भूमिका निभाते हैं।
पोंगल पर पारंपरिक पकवान भी खास आकर्षण होते हैं, जैसे “पोंगल” डिश, जो चावल, गुड़, और ताजे फलों से बनाई जाती है। इस दौरान जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जो त्योहार को और रंगीन बना देते हैं।
पोंगल के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम
पोंगल का त्योहार तमिलनाडु में सांस्कृतिक जोश से भरपूर होता है। इस दौरान जगह-जगह पारंपरिक नृत्य, संगीत, और खेलों का आयोजन किया जाता है। गांवों में बड़े मेलों की रौनक देखने लायक होती है, जहां लोग परिवार और दोस्तों के साथ इकट्ठा होते हैं।
“जल्लिकट्टू” इस त्योहार का खास आकर्षण है। यह एक पारंपरिक खेल है, जिसमें युवा बैल को पकड़ने की कोशिश करते हैं। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि तमिलनाडु की संस्कृति और किसानों के साहस का प्रतीक है।
पोंगल का असर व्यावसायिक गतिविधियों पर
पोंगल के दौरान तमिलनाडु में काम-धंधे लगभग थम जाते हैं। लोग त्योहार मनाने और अपने परिवार के साथ वक्त बिताने में व्यस्त हो जाते हैं। हालांकि, इस समय बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। उपहार, फसल, और खाद्य पदार्थों की खरीदारी जोरों पर होती है।
कृषि राज्य होने की वजह से किसान अपनी मेहनत का जश्न मनाने में जुट जाते हैं। वहीं, पर्यटन क्षेत्र में उछाल देखा जाता है, क्योंकि लोग छुट्टियां मनाने के लिए घूमने निकलते हैं। यह व्यापारियों के लिए भी मुनाफे का अच्छा मौका बनता है।
छुट्टियों का असर छात्रों पर
पोंगल की छुट्टियां छात्रों के लिए राहतभरी होती हैं। पढ़ाई के बीच का यह ब्रेक उन्हें अपनी परंपराओं से जुड़ने और परिवार के साथ समय बिताने का मौका देता है।
कुछ स्कूल और कॉलेज इस समय का उपयोग विशेष शैक्षिक कार्यक्रम या वर्कशॉप आयोजित करने में करते हैं। यह संतुलन छात्रों को त्योहार के साथ-साथ पढ़ाई में भी मदद करता है।
पोंगल तमिलनाडु की सांस्कृतिक पहचान
पोंगल सिर्फ एक त्योहार नहीं, यह तमिलनाडु की सांस्कृतिक पहचान है। यह त्योहार किसानों की मेहनत का सम्मान और राज्य की परंपराओं को जीवित रखने का प्रतीक है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेले, और पारंपरिक उत्सव इस बात का सबूत हैं कि पोंगल तमिलनाडु की संस्कृति में कितनी गहराई से रचा-बसा है। यह सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए खुशियों का पर्व है।
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