Loan Settlement Rules : अगर आप लोन सेटलमेंट करने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा रुकिए और पहले इसके फायदे और नुकसान अच्छे से समझ लीजिए। अक्सर लोग जब आर्थिक संकट में होते हैं, तो लोन सेटलमेंट को आखिरी रास्ता मानकर इसे अपना लेते हैं। हालांकि, यह उतना आसान नहीं होता जितना दिखता है। हां, इससे तुरंत राहत मिल सकती है, लेकिन इसका असर लंबे समय तक रह सकता है। तो आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि लोन सेटलमेंट क्या होता है और इसके क्या नुकसान और फायदे हो सकते हैं।
लोन सेटलमेंट: क्या यह सच में राहत देता है
लोन सेटलमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां बैंक और लोन लेने वाले के बीच एक समझौता होता है। इसमें बैंक कुछ राशि माफ कर देता है और व्यक्ति को एक तय रकम चुकानी होती है। यह सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसके पीछे कई बड़े नुकसान भी छिपे होते हैं।
लोन सेटलमेंट से होने वाले नुकसान
1. यह स्थायी समाधान नहीं है
लोन सेटलमेंट से सिर्फ कुछ समय के लिए राहत मिलती है, लेकिन यह लोन से पूरी तरह छुटकारा पाने का तरीका नहीं है। बैंक इसे सिर्फ अपनी रकम निकालने के लिए एक ऑप्शन के तौर पर पेश करता है। इसका मतलब है कि आप थोड़ी रकम देकर बच सकते हैं, लेकिन भविष्य में इससे जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं।
2. क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर
अगर आप लोन सेटलमेंट करते हैं, तो बैंक इसे क्रेडिट ब्यूरो (जैसे सिबिल) को रिपोर्ट करता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर डाउन हो जाता है। बैंक इसे ऐसे देखता है कि आपने अपनी पूरी लोन राशि चुकाने में असमर्थता दिखाई। भविष्य में जब आप फिर से लोन लेने जाएंगे, तो बैंक आपको शक की नजर से देखेगा और लोन देने में हिचकिचाएगा।
3. लोन मिलना होगा मुश्किल
लोन सेटलमेंट करने से आपका क्रेडिट स्कोर 100 या उससे ज्यादा अंकों तक गिर सकता है। यह खराब रिकॉर्ड आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में 7 साल तक बना रहता है। यानी अगर भविष्य में आपको होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की जरूरत पड़े, तो बैंक आपको लोन देने से इनकार कर सकता है या फिर ऊंचे ब्याज दर पर देगा।
4. बैंक के लिए आप ‘हाई-रिस्क’ ग्राहक बन जाते हैं
बैंक और फाइनेंशियल संस्थान हमेशा आपकी क्रेडिट हिस्ट्री देखते हैं। अगर आपके रिकॉर्ड में लोन सेटलमेंट लिखा है, तो बैंक आपको ‘हाई-रिस्क कस्टमर’ मान सकता है। यानी आगे चलकर अगर आपको किसी तरह की फाइनेंशियल मदद की जरूरत पड़ी, तो आपको परेशानी हो सकती है।
तो क्या लोन सेटलमेंट के कोई फायदे नहीं हैं?
लोन सेटलमेंट के कुछ फायदे भी हो सकते हैं, लेकिन ये ज्यादातर शॉर्ट-टर्म होते हैं। आइए, इनके बारे में भी जानते हैं।
1. क्रेडिट स्कोर को फिर से सुधारने का मौका
अगर आपने लोन सेटलमेंट कर लिया है, तो भी आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी बाकी फाइनेंशियल एक्टिविटीज को सही रखना होगा। जैसे ही आपके पास पैसे हों, आप बैंक में जाकर बची हुई रकम, ब्याज और अन्य चार्जेस चुका सकते हैं। इससे आपका लोन पूरी तरह खत्म हो जाएगा और बैंक से क्लोजर सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा।
2. मानसिक तनाव कम हो जाता है
अगर आप लोन चुका नहीं पा रहे हैं और लगातार वसूली एजेंसियों की कॉल्स से परेशान हो रहे हैं, तो लोन सेटलमेंट से कुछ राहत मिल सकती है। बैंक आपको एक तय राशि चुकाने का मौका देता है, जिससे आप पूरी रकम चुकाने के झंझट से बच सकते हैं।
3. रिकवरी एजेंसियों से छुटकारा मिलता है
लोन नहीं चुकाने की स्थिति में बैंक रिकवरी एजेंसियों को हायर करता है, जो बार-बार फोन कर सकते हैं या घर तक आ सकते हैं। लेकिन अगर लोन सेटलमेंट हो जाता है, तो ये परेशानियां खत्म हो जाती हैं और रिकवरी एजेंसियां आपको कॉल करना बंद कर देती हैं।
लोन सेटलमेंट कब करना चाहिए
अगर आप लोन चुकाने में सक्षम हैं, तो लोन सेटलमेंट से बचना चाहिए। इसे केवल आखिरी उपाय के रूप में अपनाएं, जब आपके पास कोई और रास्ता न हो। अगर आपकी फाइनेंशियल स्थिति अस्थायी रूप से खराब हुई है, तो बेहतर होगा कि आप बैंक से बात करके ईएमआई का री-स्ट्रक्चरिंग या मोरेटोरियम ऑप्शन मांगें।
अगर लोन सेटलमेंट ही एकमात्र रास्ता रह जाए, तो इसे समझदारी से करें और सेटलमेंट के बाद बैंक से नो ड्यूज सर्टिफिकेट जरूर लें।
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लोन सेटलमेंट तुरंत राहत तो देता है, लेकिन इसका असर लंबे समय तक बना रहता है। क्रेडिट स्कोर पर असर, लोन अप्रूवल में दिक्कतें और बैंक की नजर में आपकी विश्वसनीयता कम होना – ये सब बड़ी समस्याएं बन सकती हैं। इसलिए अगर आप लोन सेटलमेंट करने का सोच रहे हैं, तो पहले इसके हर पहलू को ध्यान से समझें और फिर कोई कदम उठाएं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।