Income Tax Rules : इनकम टैक्स पे करने वालों के लिए एक जरूरी अपडेट! भारत सरकार ने टैक्स स्लैब्स में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को भी टैक्स देना पड़ेगा, लेकिन ये केवल कुछ खास मामलों में होगा। तो अगर आपकी कमाई 12 लाख के आस-पास है, तो आपको भी अपनी टैक्स स्थिति समझ लेनी चाहिए। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में पूरी जानकारी।
क्या है नया नियम
अब तक यह माना जाता था कि अगर आपकी वार्षिक आमदनी 2 लाख रुपये तक है, तो आपको टैक्स नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने 12 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है। यानी अगर आपकी वार्षिक कमाई 12 लाख रुपये तक है, तो आपको टैक्स नहीं देना होगा। यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा, और यह कदम सरकार ने आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए उठाया है।
लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ खास मामलों में, जो लोग 12 लाख से कम कमाते हैं, उन्हें भी इनकम टैक्स देना पड़ सकता है। ये खास मामलों में सेक्शन 87A की छूट का फायदा नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर आपकी कमाई 12 लाख रुपये से कम है, लेकिन उसमें कुछ विशेष प्रकार की आमदनी शामिल है, तो आपको टैक्स देना पड़ सकता है।
कौन सी आमदनी पर नहीं मिलेगी छूट
सरकार ने कुछ खास प्रकार की आमदनी, जैसे कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), को सेक्शन 87A की छूट से बाहर कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये है, और उसमें 8 लाख रुपये की सैलरी और 4 लाख रुपये का कैपिटल गेन शामिल है, तो आपको केवल अपनी सैलरी (8 लाख रुपये) पर ही टैक्स छूट मिलेगी। इस चार लाख रुपये के कैपिटल गेन पर आपको अलग से टैक्स देना पड़ेगा। यानी सैलरी पर तो छूट मिलेगी, लेकिन कैपिटल गेन पर नहीं।
आठ लाख से 12 लाख तक आय पर 10% टैक्स
अब यदि आपकी आय 8 लाख से 12 लाख रुपये के बीच है, तो इस पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा। मतलब, 8 लाख रुपये तक की आय पर आपको कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन यदि आपकी आय 8 लाख से अधिक है और 12 लाख रुपये तक है, तो अगले 4 लाख रुपये पर 10% टैक्स लगेगा, यानी 40,000 रुपये टैक्स देना पड़ेगा।
अगर आपकी कुल आय 12 लाख रुपये से अधिक है, जिसमें आपकी सैलरी और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन दोनों शामिल हैं, तो आपको अपनी पूरी आय पर टैक्स देना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि टैक्स की गणना आपकी कुल आय के आधार पर की जाएगी।
ओल्ड टैक्स सिस्टम में क्या होगा
अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) का चुनाव करते हैं, तो सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट आपको पूरी तरह से मिलेगी। खासतौर पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (STCG और LTCG) पर आपको छूट मिलेगी, जबकि नए टैक्स सिस्टम में यह छूट लागू नहीं होगी। ध्यान रहे कि इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर भी सेक्शन 87A की छूट पहले से नहीं मिलती थी, और इस बार बजट में भी इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया।
नए टैक्स स्लैब्स:
- 4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
- 4,00,001 से 8,00,000 रुपये तक आय पर 5% टैक्स
- 8,00,001 से 12,00,000 रुपये तक आय पर 10% टैक्स
- 12,00,001 से 16,00,000 रुपये तक आय पर 15% टैक्स
- 16,00,001 से 20,00,000 रुपये तक आय पर 20% टैक्स
- 20,00,001 से 24,00,000 रुपये तक आय पर 25% टैक्स
- 24,00,001 रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स
क्या इसका मतलब है कि 12 लाख तक कमाने वालों को टैक्स भरना पड़ेगा
नहीं, अगर आपकी आय 12 लाख रुपये तक है और उसमें कोई विशेष प्रकार की आमदनी (जैसे कैपिटल गेन) नहीं है, तो आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा। मगर अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है या उसमें विशेष प्रकार की आय शामिल है, तो आपको टैक्स देना पड़ेगा।
सारांश में, सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए नए टैक्स स्लैब्स को लागू किया है, लेकिन कुछ विशेष प्रकार की आमदनी (जैसे कैपिटल गेन) पर यह राहत लागू नहीं होगी।
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