Free Ration Scheme : राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत ‘गिव अप’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मकसद अपात्र लोगों को खुद से योजना से बाहर होने का मौका देना है। अगर किसी ने 28 फरवरी, 2025 तक अपना नाम नहीं हटाया, तो 1 मार्च से सरकार उसके दिए गए राशन की वसूली ₹27 प्रति किलो की दर से करेगी।
क्यों हो रही है ये सख्ती
राज्य में कई ऐसे लोग हैं, जो इस योजना के असली हकदार नहीं हैं, लेकिन फिर भी फ्री राशन का फायदा उठा रहे हैं। इससे जरूरतमंद परिवारों को उनका हक नहीं मिल पा रहा। कोटपूतली-बहरोड़ के डीएसओ शशि शेखर शर्मा का कहना है कि इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने यह अभियान शुरू किया है।
अब तक हजारों राशन कार्ड धारक खुद को इस योजना से अलग कर चुके हैं। 28 फरवरी के बाद जिलों के कलेक्टर अपात्र लाभार्थियों की लिस्ट तैयार करेंगे और 1 मार्च से खाद्य विभाग सख्ती से कार्रवाई करेगा। जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में होगा, उनसे तब तक के लिए वसूली की जाएगी, जब तक वे योजना में बने रहे।
किन लोगों को अपात्र माना जाएगा
सरकार ने कुछ नियम तय किए हैं, जिनके आधार पर लोग अपात्र माने जाएंगे:
- आयकर देने वाले परिवार – अगर आप इनकम टैक्स भरते हैं, तो आप फ्री राशन के हकदार नहीं हैं
- सरकारी, अर्धसरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी/अधिकारी – सरकारी नौकरी वालों को भी इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा
- जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1 लाख से ज्यादा हो – अगर आपकी सालाना फैमिली इनकम 1 लाख से ज्यादा है, तो भी आप इस योजना में नहीं आ सकते
- चार पहिया वाहन मालिक – अगर आपके पास कार है और वो आपकी रोजी-रोटी कमाने के लिए इस्तेमाल नहीं हो रही, तो आपको भी अपात्र माना जाएगा
अगर नाम हटाना हो तो क्या करें
अगर कोई व्यक्ति खुद से इस योजना से बाहर होना चाहता है, तो उसे अपनी नजदीकी राशन दुकान (उचित मूल्य की दुकान) पर जाना होगा। वहां एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा, जिसमें उसे यह लिखकर देना होगा कि वह अब इस योजना के लिए पात्र नहीं है और खुद इससे बाहर हो रहा है।
फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख: 28 फरवरी, 2025
अगर अपात्र पाए गए तो क्या होगा
अगर कोई अपात्र व्यक्ति 28 फरवरी तक योजना से बाहर नहीं होता, तो 1 मार्च से उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उसका नाम लिस्ट में जिस तारीख से दर्ज है, उस दिन से लेकर उसके हटने तक का पूरा राशन ₹27 प्रति किलो की दर से वसूला जाएगा।
सरकार का मकसद क्या है
सरकार का कहना है कि इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों तक पहुंचे, जिन्हें सच में इसकी जरूरत है। जो लोग सक्षम हैं, वे योजना से खुद बाहर हो जाएं, ताकि असली जरूरतमंदों को बिना किसी दिक्कत के राशन मिल सके।
अभियान का असर
सरकार के इस अभियान के बाद हजारों लोगों ने पहले ही खुद को योजना से अलग कर लिया है। इससे जरूरतमंद लोगों को राशन मिलने में आसानी होगी।
सरकार चाहती है कि जो लोग इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं, वे खुद इसे छोड़ दें। अगर 28 फरवरी तक ऐसा नहीं किया गया, तो 1 मार्च से उन्हें मुफ्त में मिले राशन की भरपाई करनी होगी। इस कदम से योजना को पारदर्शी बनाया जा सकेगा और इसका फायदा असली जरूरतमंदों तक पहुंचेगा।
तो अगर आप इस योजना का लाभ ले रहे हैं और ऊपर दी गई अपात्रता की सूची में आते हैं, तो जल्द से जल्द अपना नाम हटवा लें, वरना बाद में ₹27 प्रति किलो की दर से वसूली झेलनी पड़ सकती है!
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।