EPS-95 : कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी आई है। सरकार ने इस योजना में कुछ बड़े बदलावों का प्रस्ताव किया है, जिससे लाखों पेंशनधारकों को फायदा हो सकता है। खासकर, अभी जो न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये है, उसे बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की बात चल रही है, जो कि बहुत समय से पेंशनधारकों की मांग थी।
हाल ही में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने EPS-95 पेंशनभोगियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार करने का वादा किया है। इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशन भुगतान प्रणाली में सुधार करने की भी बात की है, ताकि पेंशनधारकों को पेंशन मिलना आसान हो सके।
EPS-95 पेंशन योजना: एक नजर में
EPS-95 यानी कर्मचारी पेंशन योजना 1995, EPFO द्वारा चलाई जाती है। यह योजना निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय देती है। योजना का नाम कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) है और यह 1995 में शुरू हुई थी। यह योजना EPFO द्वारा संचालित की जाती है और इसके तहत वर्तमान न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है, जबकि प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह करने की बात चल रही है। यह पेंशन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलती है और यह 58 वर्ष की आयु के बाद शुरू होती है। कर्मचारी का योगदान मूल वेतन और DA का 12% होता है, जबकि नियोक्ता का योगदान 12% (8.33% EPS, 3.67% EPF) होता है।
क्या बदलने वाला है
सरकार ने EPS-95 पेंशन योजना में कुछ बड़े बदलाव प्रस्तावित किए हैं, जो पेंशनभोगियों की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किया जा सकता है। इसके अलावा, पेंशनधारकों को नियमित महंगाई भत्ता (DA) मिलने की संभावना है, जिससे महंगाई का असर कम होगा। सरकार ने पेंशनधारकों और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देने का प्रस्ताव भी किया है। साथ ही, पेंशन की गणना को अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन के आधार पर किया जाएगा, जिससे पेंशनधारकों को बेहतर पेंशन मिल सकेगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2025 से केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) लागू करने का भी ऐलान किया है, जिससे पेंशनधारक किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
पेंशनधारकों की प्रमुख मांगें
EPS-95 पेंशनधारकों की कई प्रमुख मांगें हैं। सबसे बड़ी मांग यह है कि न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए। इसके अलावा, पेंशनधारक नियमित महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं, जिससे महंगाई के असर को कम किया जा सके। पेंशनधारकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी चाहिए, जिससे उनका स्वास्थ्य खर्च कम हो सके। इसके अलावा, पेंशन की गणना में सुधार की आवश्यकता है ताकि वेतन के अनुसार पेंशन ज्यादा हो। बकाया राशि का भुगतान भी पेंशनधारकों की एक अहम मांग है।
EPFO के नए बदलाव
EPFO ने पेंशनधारकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि 1 जनवरी 2025 से केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) लागू हो चुकी है। इससे पेंशनधारक किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, हायर पेंशन के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 तक बढ़ा दी गई है। साथ ही, EPFO ने नियोक्ताओं से 15 जनवरी 2025 तक स्पष्टीकरण मांगा था, जिसकी समय सीमा अब समाप्त हो चुकी है।
EPS-95 के प्रकार
EPS-95 के तहत विभिन्न प्रकार की पेंशन हैं, जो पेंशनधारकों को विभिन्न स्थितियों में मदद करती हैं। सामान्य पेंशन वह होती है जो 58 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से मिलती है। शीघ्र पेंशन वह पेंशन होती है जो 50 वर्ष की आयु के बाद कम दर पर मिलती है। विधवा पेंशन मृत कर्मचारी की पत्नी के लिए होती है, जबकि बाल पेंशन मृत कर्मचारी के बच्चों के लिए होती है। अनाथ पेंशन तब दी जाती है जब माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है और विकलांगता पेंशन स्थायी विकलांगता की स्थिति में मिलती है।
हायर पेंशन के लिए पात्रता
हायर पेंशन के लिए आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इनमें शामिल है कि कर्मचारी को 1 सितंबर 2014 से पहले EPS का सदस्य होना चाहिए और उसकी वेतन सीमा 15,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए। साथ ही, नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को मिलकर विकल्प देना होगा।
EPS-95 पेंशन में बदलाव का फायदा
यदि सरकार प्रस्तावित बदलावों को लागू करती है, तो पेंशनधारकों को कई फायदे हो सकते हैं। बढ़ी हुई पेंशन से पेंशनधारकों का जीवन स्तर बेहतर होगा और नियमित DA मिलने से महंगाई का असर कम होगा। मुफ्त चिकित्सा सेवाओं से स्वास्थ्य खर्चों में कमी आएगी और बेहतर पेंशन व्यवस्था से वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। बढ़ी हुई पेंशन से पेंशनधारी ज्यादा आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
EPS-95 पेंशन योजना का भविष्य
इस योजना में प्रस्तावित बदलाव भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। हालांकि, इन बदलावों को लागू करने में कई चुनौतियां आ सकती हैं। वित्तीय बोझ, प्रशासनिक चुनौतियां, लाभार्थियों की पहचान, जागरूकता और तकनीकी अपग्रेडेशन जैसे मुद्दे सामने आ सकते हैं, जिनका समाधान करना जरूरी होगा। समग्र रूप से, यह कदम भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, हालांकि इसे लागू करने में कुछ चुनौतियां जरूर होंगी।
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