EMI Bounce : अगर आपने बैंक से लोन लिया है और किसी वजह से EMI चुकाने में देरी हो रही है या चूक हो गई है, तो परेशान मत होइए। लोन न चुका पाने की स्थिति में बैंक कुछ कानूनी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद आपके पास कई अधिकार होते हैं। बस ज़रूरी है कि आपको इन अधिकारों की जानकारी हो ताकि आप बेवजह के दबाव से बच सकें। आइए जानते हैं कि अगर लोन डिफॉल्ट हो जाता है तो बैंक क्या-क्या कर सकता है और आपके पास क्या विकल्प हैं।
बैंक की कार्रवाई – क्या होता है लोन डिफॉल्ट होने पर
अगर आपने समय पर EMI नहीं भरी तो बैंक आपको पहले रिमाइंडर भेजता है और पेमेंट का समय बढ़ाने का भी विकल्प देता है। लेकिन अगर आप फिर भी भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो बैंक आपको नोटिस भेज सकता है। इसके बाद केस अदालत में जा सकता है और आपकी संपत्ति की नीलामी या सैलरी से कटौती जैसी प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, इस दौरान आपको कुछ अधिकार भी मिलते हैं।
रिकवरी एजेंट के नियम – वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं
अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक अपनी वसूली प्रक्रिया के लिए रिकवरी एजेंट भेज सकता है। लेकिन ध्यान रहे, ये एजेंट आपको धमका नहीं सकते, जबरदस्ती घर में घुस नहीं सकते और मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान नहीं कर सकते। वे केवल कानूनी तरीके से आपसे संपर्क कर सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि कोई एजेंट गलत व्यवहार कर रहा है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
बैंक बिना नोटिस लिए कुछ नहीं कर सकता
अगर आपने अपनी कोई संपत्ति गिरवी रखी है और आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक उसे ज़ब्त कर सकता है, लेकिन इसके लिए भी कुछ कानूनी प्रक्रिया होती है। बैंक को पहले आपको नोटिस भेजना होगा। सिक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट (SARFAESI) एक्ट के तहत बैंक को नियमों का पालन करना ज़रूरी होता है।
ग्राहक की शिकायत करने का हक
अगर बैंक का कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है या गलत तरीके से वसूली कर रहा है, तो आप इसकी शिकायत बैंक में कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर बैंक आपकी शिकायत पर ध्यान नहीं देता है, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन (Banking Ombudsman) के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बैंक को आपकी समस्या सुननी होगी और उचित कार्रवाई करनी होगी।
लोन लेने वाले के कानूनी अधिकार
1. संपत्ति ज़ब्त करने से पहले नोटिस ज़रूरी
अगर आप 90 दिनों तक लोन की किश्तें नहीं भरते, तो बैंक आपके खाते को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर सकता है। इसके बाद बैंक को आपको 60 दिन का नोटिस भेजना होगा। इस दौरान आपको अपने लोन की स्थिति सुधारने का मौका दिया जाता है।
2. बैंक आपको अपराधी नहीं बना सकता
अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको अपराधी माना जाएगा। बैंक को कानूनी और पारदर्शी तरीके से लोन वसूलना होता है। इसके अलावा, आपको अपनी स्थिति सुधारने का मौका भी मिलना चाहिए।
3. संपत्ति बेचने से पहले 30 दिन का नोटिस
अगर आप नोटिस मिलने के बाद भी भुगतान नहीं कर पाते, तो बैंक आपकी संपत्ति को बेच सकता है। लेकिन इसके लिए भी बैंक को 30 दिन का पब्लिक नोटिस जारी करना होगा, ताकि सब कुछ पारदर्शी तरीके से हो।
4. सही मूल्यांकन का अधिकार
अगर बैंक आपकी संपत्ति नीलाम करने जा रहा है, तो उसे पहले उसकी सही वैल्यू तय करनी होगी और इसका नोटिस आपको देना होगा। इसमें रिज़र्व प्राइस, बिक्री की तारीख और नीलामी की पूरी जानकारी शामिल होगी। ताकि आपकी संपत्ति को सही कीमत में बेचा जाए और आपको नुकसान न हो।
5. नीलामी के बाद बची रकम पर हक
अगर आपकी संपत्ति की बिक्री के बाद लोन की पूरी रकम वसूल हो जाती है और कुछ पैसा बच जाता है, तो वह पैसा आपको वापस मिलना चाहिए। बैंक को इसे अपने पास रखने का अधिकार नहीं होता। आप बैंक से इस रकम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अगर बैंक आपसे लोन वसूलना चाहता है, तो उसके लिए भी नियम बने हुए हैं। आपको बस अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए और सही समय पर सही कदम उठाने चाहिए। अगर आपको लगे कि बैंक या रिकवरी एजेंट कोई गलत हरकत कर रहे हैं, तो तुरंत शिकायत करें और कानूनी सहायता लें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।