Cibil Score News : हम सभी जानते हैं कि सिबिल स्कोर का लोन लेने में बहुत अहम रोल होता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको आसानी से लोन दे देंगे और वो भी कम ब्याज पर। लेकिन अगर सिबिल स्कोर खराब हो, तो हो सकता है कि आपको लोन मिलने में ही समस्या आए, और अगर मिल भी जाए, तो ब्याज दरें बहुत ज्यादा हो सकती हैं।
लेकिन अब एक अच्छी खबर है! आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने सिबिल स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनसे आपको काफी फायदा होने वाला है। चलिए, जानते हैं वो कौन से नए नियम हैं जो अब से लागू हो चुके हैं।
1. हर 15 दिन में अपडेट होगा आपका सिबिल स्कोर
अब से आपके सिबिल स्कोर का अपडेट हर 15 दिन में होगा। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुके हैं। अब वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आपके सिबिल स्कोर को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि ग्राहक को तुरंत उसकी स्थिति का पता चल सके। इस कदम का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और जानकारी जल्दी से शेयर करना है। इसका मतलब यह है कि आपकी सिबिल स्कोर की जानकारी बैंक और क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस के पास महीने के अंत तक पहुंच जाएगी।
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2. जब भी आपका सिबिल स्कोर चेक होगा, आपको जानकारी मिलेगी
अब एक और नया नियम आरबीआई ने लागू किया है। अगर कभी किसी बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा आपके सिबिल स्कोर की जांच की जाती है, तो आपको इस बारे में जानकारी दी जाएगी। यह सूचना आपको आपके मोबाइल नंबर पर या ईमेल के जरिए भेजी जाएगी। इससे ग्राहकों को यह पता रहेगा कि उनका सिबिल स्कोर कब और किसने चेक किया है, और किसी भी अनचाही जांच से बचाव होगा।
3. लोन अस्वीकृति पर देना होगा कारण
आरबीआई ने एक और अहम नियम जोड़ा है कि अगर कभी आपका लोन आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है, तो आपको इसके कारण के बारे में जानकारी दी जाएगी। अब से बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान आपको बताएंगे कि आपकी लोन मांग को क्यों अस्वीकृत किया गया और उस वजह का डिटेल मिलेगा। यह कदम ग्राहकों को अपनी लोन अस्वीकृति के कारण को समझने में मदद करेगा। इसके साथ ही, वे सभी कारण क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस तक भी भेजेंगे ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
4. फ्री क्रेडिट रिपोर्ट की सुविधा
आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को एक और निर्देश दिया है। अब से सभी कंपनियों को अपने ग्राहकों को साल में एक बार फ्री में उनकी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देने की सुविधा देनी होगी। इसके लिए, कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक रखना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी फ्री क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकें। इस रिपोर्ट से उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति और पिछली लेन-देन की पूरी जानकारी मिल जाएगी, जिससे भविष्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
5. डिफॉल्ट की जानकारी देना जरूरी
अगर कभी किसी ग्राहक को लोन चुकाने में दिक्कत हो रही हो या लोन डिफॉल्ट होने का डर हो, तो वित्तीय संस्थाओं को ग्राहक को इससे संबंधित सूचना SMS या ईमेल के जरिए देनी होगी। इसके अलावा, कंपनियों को नोडल ऑफिसर नियुक्त करने होंगे, जो ग्राहकों के क्रेडिट संबंधित समस्याओं को सुलझाएंगे। इससे ग्राहकों को जल्दी समाधान मिल सकेगा, और लोन संबंधी समस्याओं का समाधान बेहतर तरीके से होगा।
6. शिकायतों का समाधान समय पर होना जरूरी
अगर किसी ग्राहक ने कोई शिकायत की है, तो बैंक और क्रेडिट कंपनियों को इसे एक महीने के भीतर हल करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता, तो कंपनी पर जुर्माना भी लग सकता है। हर दिन के लिए ₹100 का जुर्माना तय किया गया है, अगर समस्या समय पर हल नहीं की जाती है। लोन देने वाली संस्था और क्रेडिट जानकारी देने वाली कंपनी को क्रमशः 21 दिन और 9 दिन में शिकायत हल करने की समय सीमा मिलेगी।
आरबीआई के ये नए नियम सिबिल स्कोर से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहकों को बेहतर जानकारी देने के लिए हैं। इससे ना सिर्फ सिबिल स्कोर को लेकर समस्याएं कम होंगी, बल्कि ग्राहकों को अपने वित्तीय मामले बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें समय पर अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने का मौका मिलेगा, जिससे वो सस्ते ब्याज दरों पर आसानी से लोन ले सकेंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।