Cheque Bounce Rules : आजकल डिजिटल पेमेंट का जमाना है, लेकिन फिर भी चेक से लेन-देन करना एक आम बात है। चेक एक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका है जिससे आप किसी को पैसे भेज सकते हैं। लेकिन अगर चेक बाउंस हो जाए तो क्या होता है? क्या सजा मिल सकती है? और कब मामला कोर्ट तक पहुंचता है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं।
चेक बाउंस क्या होता है
जब आप किसी को पेमेंट करने के लिए चेक देते हैं, लेकिन बैंक उसे अस्वीकार कर देता है, तो इसे चेक बाउंस कहते हैं। ऐसा कई कारणों से हो सकता है, जैसे:
- अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना
- चेक पर सही सिग्नेचर न होना
- ओवरड्राफ्ट लिमिट खत्म हो जाना
- बैंक अकाउंट बंद होना
- चेक पर गलत जानकारी होना
चेक बाउंस होने पर क्या होता है
अगर आपका चेक बाउंस हो गया तो बैंक तुरंत इसकी जानकारी चेक रिसीवर को दे देता है। इसके बाद निम्नलिखित चीजें हो सकती हैं:
- बैंक चेक बाउंस की पेनल्टी चार्ज कर सकता है
- चेक रिसीवर आपको दोबारा पेमेंट करने के लिए कह सकता है
- अगर आपने तय समय में पेमेंट नहीं किया तो लीगल नोटिस भेजा जा सकता है
- मामला कोर्ट तक भी पहुंच सकता है
लीगल नोटिस और मुकदमा कब होता है
अगर चेक बाउंस हो गया है और पेमेंट तय समय में नहीं किया गया तो कानूनन कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसकी प्रक्रिया इस तरह होती है:
- पहला कदम: चेक बाउंस होने पर चेक रिसीवर आपको नोटिस भेज सकता है
- 15 दिन की अवधि: आपको 15 दिन के अंदर जवाब देना और बकाया पेमेंट करना जरूरी होता है
- मुकदमा दायर: अगर आप 15 दिन में पैसे नहीं चुकाते तो आपके खिलाफ सेक्शन 138 (Negotiable Instrument Act, 1881) के तहत केस दायर किया जा सकता है
चेक बाउंस की सजा क्या है
भारत में चेक बाउंस एक गंभीर मामला है और इसके लिए सजा का भी प्रावधान है:
- दो साल तक की जेल हो सकती है
- जुर्माना देना पड़ सकता है, जो चेक की रकम से दोगुना भी हो सकता है
- सिबिल स्कोर खराब हो सकता है, जिससे आगे लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आ सकती है
बैंक की पेनल्टी कितनी होती है
हर बैंक का अपना अलग नियम होता है, लेकिन आम तौर पर चेक बाउंस होने पर कुछ चार्ज किए जाते हैं। उदाहरण के लिए:
- ICICI बैंक: चेक बाउंस होने पर 750 रुपये तक का चार्ज लग सकता है
- SBI और HDFC बैंक: यहां भी चेक बाउंस चार्ज 500-750 रुपये के बीच हो सकता है
- अन्य बैंक: अलग-अलग बैंकों के नियमों के अनुसार 200 से 1000 रुपये तक का चार्ज हो सकता है
चेक बाउंस से बचने के लिए क्या करें
अगर आप चेक से पेमेंट करते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें:
- हमेशा अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखें
- चेक सही तरीके से भरें और सिग्नेचर मिलाएं
- अगर किसी वजह से चेक बाउंस हो जाता है, तो रिसीवर को तुरंत पेमेंट करने की कोशिश करें
- चेक जारी करने से पहले बैंक से कंफर्म कर लें कि आपके अकाउंट में पर्याप्त फंड्स हैं
चेक बाउंस न सिर्फ आपको कानूनी दिक्कत में डाल सकता है, बल्कि आपकी साख (credit history) को भी खराब कर सकता है। अगर आप चेक से लेन-देन कर रहे हैं तो सावधानी बरतें, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो। अगर गलती से चेक बाउंस हो जाए, तो तुरंत सही कदम उठाएं और कानूनी कार्रवाई से बचें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।