Cheque Bounce : चेक का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। जब चेक को गलत तरीके से भर दिया जाता है या किसी वजह से बाउंस हो जाता है, तो ये सिर्फ आपके पैसे नहीं रोकता बल्कि कानूनी परेशानी भी खड़ी कर सकता है। ग्रेटर नोएडा में हाल ही में एक मामले में कोर्ट ने आरोपी को पौने दो करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ जेल भेज दिया।
क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा में रहने वाले निपुण बंसल पर आरोप है कि उन्होंने अपने पार्टनर प्रदीप सिंघल के साथ 2012 में हुई एक डील में धोखा किया। इस डील के तहत प्रदीप ने सायरस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में 2.35 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वादा किया गया था कि उन्हें इस कंपनी का साझेदार बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब प्रदीप को लगा कि उनके साथ धोखा हो रहा है, तो उन्होंने सेक्टर-58 थाने में मामला दर्ज कराया।
चेक देने के बाद भी बिगड़ी बात
निपुण बंसल ने इस मामले को सुलझाने की कोशिश करते हुए प्रदीप को 2.15 करोड़ रुपये लौटाने का वादा किया। उन्होंने इसके लिए तीन बड़े चेक दिए। लेकिन जब प्रदीप ने इन चेक को बैंक में डिपॉजिट किया, तो सभी चेक बाउंस हो गए। इसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा।
कोर्ट का फैसला
लंबी सुनवाई के बाद, कोर्ट ने निपुण बंसल को दोषी पाया। न्यायाधीश ने एक साल की जेल और 1.8 करोड़ रुपये के भारी जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट का कहना था कि यह फैसला धोखाधड़ी जैसे मामलों में सख्त संदेश देता है। यह सिर्फ आरोपी के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है कि चेक बाउंस को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
निवेशकों के लिए सबक
प्रदीप सिंघल जैसे निवेशकों के लिए यह फैसला एक राहत भरा है। धोखाधड़ी के ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि पीड़ित को अपने पैसे वापस पाने में लंबा संघर्ष करना पड़ता है। वकील ने बताया कि कोर्ट का यह फैसला उन लोगों को हौसला देता है, जो वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।
चेक बाउंस होने के मुख्य कारण
- चेक में गलत जानकारी भरना
- बैंक खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना
- हस्ताक्षर मिलान न करना
कैसे बचें चेक बाउंस से
- सही जानकारी भरें: चेक भरते समय सभी डिटेल्स ठीक से भरें
- बैलेंस चेक करें: खाते में पर्याप्त पैसे रखें
- डेट पर ध्यान दें: चेक की तारीख सही हो और समय पर डिपॉजिट करें
क्या हो सकता है चेक बाउंस का अंजाम
चेक बाउंस होने पर न सिर्फ जुर्माना लगता है बल्कि जेल भी हो सकती है। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कोर्ट इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेता है। इसलिए, चेक का सही इस्तेमाल करें और इसे हल्के में न लें।
ग्रेटर नोएडा कोर्ट का यह फैसला यह साफ करता है कि चेक बाउंस जैसे मामलों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आप चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे सही तरीके से करें वरना भारी जुर्माना और सजा का सामना करना पड़ सकता है। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो चेक का दुरुपयोग करते हैं या इसे हल्के में लेते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।