Breaking News 2025 : भोपाल में सरकारी कर्मचारियों के लिए बुरी खबर! अब शनिवार को भी काम करना होगा, छुट्टी रद्द! मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ताजातरीन और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। राज्य सरकार के सहकारिता विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को शनिवार की छुट्टी रद्द कर दी गई है और उन्हें अब शनिवार को भी काम पर बुलाया जा रहा है। यह कदम कर्मचारियों की बढ़ती संख्या और विभाग में हो रहे कामकाजी दबाव के कारण लिया गया है। इस फैसले से कई कर्मचारियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे पहले से ही अपने सप्ताहांत की योजना बना चुके थे और अब उन्हें अपनी छुट्टी से वंचित किया गया है।
कर्मचारियों की कमी और बढ़े हुए कामकाज की वजह
विभाग में कर्मचारियों की कमी और कामकाज की बढ़ती जिम्मेदारियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सहकारिता विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, जबकि कार्यभार बढ़ गया है। विभाग के द्वारा जारी किए गए लिखित आदेश में इस फैसले का कारण साफ तौर पर बताया गया है कि कामकाजी दबाव को कम करने के लिए शनिवार को भी काम करना जरूरी हो गया है।
यह आदेश सिर्फ सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है, जिससे बाकी सरकारी विभागों के कर्मचारी इस निर्णय से प्रभावित नहीं होंगे। हालांकि, इससे कर्मचारियों में खासी निराशा और असंतोष देखने को मिल रहा है, क्योंकि उन्हें अब अपने नियमित समय पर आराम नहीं मिल पाएगा और वे अपनी व्यक्तिगत योजनाओं में भी बदलाव करने को मजबूर होंगे।
आदेश की पूरी जानकारी
सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त ने शनिवार को यह आदेश जारी किया है कि शनिवार के दिन सभी अधिकारी और कर्मचारी काम पर बुलाए जाएंगे। यह आदेश विभाग के हर कर्मचारी के लिए अनिवार्य होगा और कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के छुट्टी पर नहीं जा सकेगा। यह आदेश कुछ समय के लिए लागू किया गया है, लेकिन अगर कर्मचारियों की कमी और काम का दबाव बना रहता है, तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
आदेश जारी होते ही कर्मचारियों के बीच इस बदलाव को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि यह आदेश उन्हें कठिनाइयों में डाल देगा, क्योंकि वे अपने सप्ताहांत को अपने परिवार और अन्य व्यक्तिगत कामों के लिए समर्पित करते थे। वहीं, कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह निर्णय विभाग के कामकाजी दबाव को देखते हुए सही है, क्योंकि छुट्टी रद्द करने से कार्य में तेजी आएगी और विभाग के कामकाज में कोई रुकावट नहीं आएगी।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया और चुनौती
इस बदलाव से प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि वे पहले से ही कठिन कामकाजी माहौल का सामना कर रहे थे और अब उन्हें अपनी छुट्टी से भी हाथ धोना पड़ेगा। कर्मचारियों के मुताबिक, कई बार यह महसूस होता है कि विभाग द्वारा उन्हें और उनके काम को सही तरीके से महत्व नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों की संख्या में कमी का सीधा असर उनके काम पर पड़ा है, और अब उन्हें अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को यह बदलाव एक भारी चुनौती के रूप में दिखाई दे रहा है।
कुछ कर्मचारी यह भी मानते हैं कि अगर विभाग की ओर से कोई अतिरिक्त सहायता दी जाती, जैसे कि और कर्मचारियों की नियुक्ति या अन्य कामकाजी सुविधाएं, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। हालांकि, वर्तमान स्थिति में विभाग का यह निर्णय कामकाजी प्रभावशीलता को बढ़ाने का एक प्रयास हो सकता है, लेकिन इससे कर्मचारियों के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
क्या है भविष्य की योजना
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सिर्फ एक अस्थायी उपाय है, और यदि स्थिति में सुधार होता है तो इसे वापस लिया जा सकता है। हालांकि, अगर कर्मचारियों की कमी बनी रहती है और कार्यभार बढ़ता है, तो इस आदेश को जारी रखा जा सकता है। विभाग की योजना है कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हो और कामकाजी दबाव को कम किया जा सके।
इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की स्थिति में सुधार होगा और कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह आदेश अन्य विभागों में भी लागू होगा या नहीं, लेकिन फिलहाल सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के लिए यह बदलाव लागू हो चुका है।
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