EPS-95 Pension – भारत में पेंशनधारकों की हालत काफी समय से चिंता का विषय बनी हुई है। आज के समय में लाखों पेंशनधारक अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं। इस समस्या के हल के लिए हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया गया, जब ईपीएस 95 के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत की।
देश में करीब 78 लाख से ज्यादा पेंशनधारक हैं, जिनमें से अधिकांश लोग बेहद कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। 2014 में सरकार ने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये करने का ऐलान किया था, लेकिन अफसोस की बात है कि 36.60 लाख से ज्यादा पेंशनधारकों को इससे भी कम राशि मिल रही है। यह स्थिति उनके लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बन गई है।
प्रमुख मांगों का सारांश
पेंशनधारकों की मुख्य मांग है कि न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपये प्रति माह किया जाए। इसके अलावा, वे महंगाई भत्ता और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं की भी मांग कर रहे हैं। ये मांगें आज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बिल्कुल सही लगती हैं, क्योंकि महंगाई के बढ़ने से मौजूदा पेंशन से जीवन यापन करना बहुत मुश्किल हो गया है।
आंदोलन का इतिहास और वर्तमान स्थिति
पिछले 7-8 सालों से ईपीएस-95 के पेंशनधारक अपनी लंबित मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं—पेंशन में बढ़ोतरी और सरकार द्वारा उचित समाधान। इस आंदोलन का नेतृत्व ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत कर रहे हैं।
यह आंदोलन पूरे देश में जोर-शोर से चल रहा है, जिसमें लाखों पेंशनधारक शामिल हो चुके हैं। इनकी मांग है कि पेंशनधारकों को एक सम्मानजनक पेंशन मिले, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। हालांकि, अब तक सरकार और संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे पेंशनधारकों में नाराज़गी बनी हुई है।
इसके बावजूद, आंदोलनकारी अपनी आवाज़ उठाने में जुटे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
वित्त मंत्री से मुलाकात का नतीजा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने अपनी सभी मांगों को अच्छे से पेश किया। वित्त मंत्री ने इन मांगों पर ध्यान देने का वादा किया है, जिससे पेंशनधारकों के लिए उम्मीद की एक नई किरण मिली है।
ईपीएस 95 की प्रक्रिया
ईपीएस-95 (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं का योगदान पेंशन फंड तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। इस योजना के अनुसार, कर्मचारियों के मूल वेतन का 12% हिस्सा भविष्य निधि (PF) में जमा किया जाता है।
नियोक्ता भी अपनी ओर से 12% योगदान करते हैं, जिसमें से 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है। इसके अलावा, सरकार भी इस फंड में 1.16% का अतिरिक्त योगदान देती है।
यह पूरा सिस्टम पेंशन फंड को मजबूत बनाने और रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक स्थिर आय देने के उद्देश्य से बनाया गया है। ईपीएस-95 के तहत कर्मचारियों को हर महीने पेंशन दी जाती है, जो उनके लंबे समय तक सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करती है।
इस योजना का लाभ खासकर उन कर्मचारियों को मिलता है, जो कम वेतन वर्ग में आते हैं। यह योजना न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित करती है, बल्कि उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता भी प्रदान करती है। ईपीएस-95 के माध्यम से सरकार कर्मचारियों के बेहतर रिटायरमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है।
भविष्य की संभावनाएं
2025 के बजट सत्र में पेंशनधारकों को सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। कमांडर अशोक राउत का कहना है कि 7500 रुपये से कम की पेंशन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सम्मानजनक जीवन जीने में असफल रहेगी। इसलिए, सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देगी।
पेंशनधारकों की समस्याएं काफी गंभीर हैं और उनका समाधान करना जरूरी है। सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाए और पेंशनधारकों को राहत दे। यह न केवल पेंशनधारकों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि सरकार की समाज के प्रति संवेदनशीलता को भी दिखाएगा। वरिष्ठ नागरिकों को एक सम्मानजनक जीवन देना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।