चेक बाउंस क्यों होता है
चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे—
- अकाउंट में बैलेंस कम या न होना
- सिग्नेचर में गड़बड़ी, चेक पर ओवरराइटिंग
- चेक की वैधता खत्म हो जाना
- अकाउंट बंद हो जाना, कंपनी की मोहर न होना
- ओवरड्राफ्ट लिमिट क्रॉस करना
इनमें से कोई भी गलती हो जाए, तो बैंक चेक को क्लियर नहीं करता और उसे ‘बाउंस’ कर देता है। अब सवाल ये है कि अगर चेक बाउंस हो जाए, तो क्या कार्रवाई होती है? चलिए, इस पर भी बात करते हैं।
चेक बाउंस होने पर क्या होता है
अगर किसी का चेक बाउंस हो जाता है, तो सबसे पहले बैंक उस व्यक्ति को जानकारी देता है, जिसने चेक जारी किया था। इसके बाद जिस व्यक्ति को पैसे मिलने थे, वह चाहें तो चेक जारी करने वाले को एक लीगल नोटिस भेज सकता है।
नियम के मुताबिक, चेक बाउंस होने के 30 दिनों के अंदर चेक जारी करने वाले को पैसे लौटाने होते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो सामने वाला व्यक्ति कानूनी कदम उठा सकता है।
कितना भरना पड़ता है जुर्माना
बैंक अपने ग्राहकों से चेक बाउंस होने पर पेनल्टी वसूलता है। यह जुर्माना अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होता है। आमतौर पर यह ₹150 से लेकर ₹800 तक हो सकता है।
अगर आपने किसी को बड़ी रकम का चेक दिया और वो बाउंस हो गया, तो यह मामला कोर्ट तक भी जा सकता है। ऐसे में आपको भारी भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर जेल भी हो सकती है।
चेक बाउंस पर क्या हो सकती है सजा
चेक बाउंस को भारतीय कानून में एक अपराध माना गया है। अगर चेक जारी करने वाले व्यक्ति ने 30 दिनों के अंदर भुगतान नहीं किया, तो चेक रिसीव करने वाला व्यक्ति Negotiable Instrument Act 1881 की धारा 138 के तहत केस दर्ज कर सकता है।
अगर मामला कोर्ट में चला जाता है और आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे—
- दो साल तक की जेल हो सकती है
- चेक की रकम का दोगुना जुर्माना देना पड़ सकता है
- या फिर दोनों सजा एक साथ हो सकती हैं
जेल जाने से बचने के लिए क्या करें
अगर गलती से आपका चेक बाउंस हो गया है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। जेल से बचने के लिए आपको यह कदम उठाने होंगे—
- जिस व्यक्ति को पैसे देने हैं, उसे तुरंत सूचित करें
- चेक बाउंस होने के बाद 30 दिनों के अंदर भुगतान कर दें
- अगर सामने वाला व्यक्ति लीगल नोटिस भेजता है, तो 15 दिनों के अंदर जवाब दें
- अगर मामला कोर्ट तक पहुंच जाए, तो कानूनी सलाह लेकर समझौता करने की कोशिश करें
चेक बाउंस होना कोई मामूली गलती नहीं है, यह एक गंभीर कानूनी मामला है। इसलिए अगर आप चेक से लेन-देन कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो और सभी डिटेल्स सही भरी जाएं। वरना, छोटी-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है और आपको जेल या भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।