TRAI Rule : अगर आप भी अपने मोबाइल नंबर को लेकर परेशान रहते हैं या नए नंबर लेने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मोबाइल नंबरिंग सिस्टम में कुछ बड़े बदलाव करने की सिफारिशें दी हैं। इन नए नियमों का मकसद टेलीकॉम सेवाओं को और बेहतर, पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली बनाना है। चलिए, जानते हैं कि TRAI के नए नियमों से आपको क्या फायदा होगा और मोबाइल नंबर से जुड़े क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं।
1. नए नंबर लेने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं
अक्सर देखा जाता है कि नए नंबर लेने पर टेलीकॉम कंपनियां कुछ अतिरिक्त चार्ज वसूलती हैं, लेकिन TRAI ने इस पर रोक लगाने की सिफारिश की है। अब टेलीकॉम ऑपरेटर्स मोबाइल नंबरिंग संसाधनों के लिए ग्राहकों से कोई अलग से चार्ज नहीं ले सकेंगे। इससे नए नंबर लेना आसान और सस्ता हो जाएगा, और कंपनियों को भी नए नंबर अलॉट करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
2. पुराने और बंद नंबर फिर से इस्तेमाल किए जाएंगे
अगर आपने कभी कोई नंबर लिया था लेकिन काफी समय से उसे इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो अब उस नंबर को वापस लिया जा सकता है और किसी और ग्राहक को अलॉट किया जा सकता है। इससे टेलीकॉम कंपनियों के पास नए नंबरों की कमी नहीं होगी और बेकार पड़े नंबरों का सही इस्तेमाल हो सकेगा।
3. STD कॉल करने का तरीका बदलेगा
अगर आप लैंडलाइन (फिक्स्ड लाइन) से STD कॉल करते हैं, तो अब आपको नंबर से पहले “0” डायल करना जरूरी होगा। पहले ऐसा जरूरी नहीं था, लेकिन अब यह नया नियम लागू हो सकता है। हालांकि, मोबाइल से मोबाइल, मोबाइल से लैंडलाइन और लैंडलाइन से मोबाइल कॉलिंग के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी, अगर आप मोबाइल से किसी को भी कॉल कर रहे हैं, तो आपको कोई नया तरीका अपनाने की जरूरत नहीं होगी।
4. CNAP सिस्टम: अब दिखेगा कॉलर का नाम
TRAI ने सरकार से CNAP (कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन) सिस्टम लागू करने की सिफारिश की है। इसका मतलब ये है कि जब कोई आपको कॉल करेगा, तो उसकी स्क्रीन पर उसका नाम दिखेगा। इससे स्पैम कॉल्स और फ्रॉड पर रोक लग सकेगी।
अभी तक हम Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल कर कॉलर की पहचान करते थे, लेकिन CNAP सिस्टम लागू होने के बाद ये फीचर सीधे टेलीकॉम सर्विस के जरिए मिलेगा। इससे अनवांटेड और फ्रॉड कॉल्स को आसानी से पहचानकर अवॉयड किया जा सकेगा।
5. मोबाइल नंबर निष्क्रिय करने के नए नियम
TRAI ने यह भी साफ कर दिया है कि कोई भी नंबर कम से कम 90 दिनों तक एक्टिव रहेगा, यानी किसी भी हाल में 3 महीने के अंदर कोई नंबर बंद नहीं किया जाएगा।
- अगर किसी नंबर का 365 दिनों तक इस्तेमाल नहीं हुआ, तो उसे डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा और दोबारा किसी और ग्राहक को दिया जा सकता है
- इससे टेलीकॉम कंपनियों को पुराने और बेकार पड़े नंबरों को दोबारा इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी, और नए यूजर्स को आसानी से नंबर मिल पाएंगे
6. M2M कनेक्शंस के लिए 13-अंकीय नंबर
अब जब स्मार्ट डिवाइसेस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का जमाना है, तो इनसे जुड़े कनेक्शंस के लिए अलग नंबरिंग सिस्टम जरूरी हो गया है। TRAI ने M2M (Machine-to-Machine) कनेक्शंस के लिए 13-अंकों वाले नए मोबाइल नंबरों की सिफारिश की है।
इसका मतलब ये हुआ कि आपके स्मार्ट डिवाइसेस, जैसे कि कार ट्रैकिंग सिस्टम, स्मार्ट मीटर, CCTV कैमरे, और दूसरी IoT डिवाइसेस के लिए अलग से नंबरिंग सिस्टम होगा, ताकि मोबाइल नंबरों की कमी ना हो और टेलीकॉम नेटवर्क पर ज्यादा लोड भी ना पड़े।
TRAI के इन नए नियमों से आपको क्या फायदा होगा
- नए नंबर लेना आसान होगा, क्योंकि इसके लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा
- पुराने बंद नंबरों का सही इस्तेमाल होगा, जिससे नए ग्राहकों को आसानी से नंबर मिल सकेंगे
- STD कॉलिंग के लिए लैंडलाइन से “0” डायल करना जरूरी होगा, जिससे कॉलिंग सिस्टम ज्यादा व्यवस्थित हो जाएगा
- स्पैम कॉल्स और फ्रॉड से बचाव होगा, क्योंकि CNAP सिस्टम से कॉलर का नाम पहले से ही दिखेगा
- नंबर डिएक्टिवेशन के नियम ज्यादा क्लियर हो गए हैं, जिससे यूजर्स को बिना वजह नंबर बंद होने की चिंता नहीं रहेगी
- स्मार्ट डिवाइसेस के लिए नया 13-अंकीय नंबर सिस्टम आएगा, जिससे मोबाइल नंबरों की कमी नहीं होगी
TRAI के ये नए नियम मोबाइल यूजर्स और टेलीकॉम इंडस्ट्री, दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इससे स्पैम कॉल्स और फ्रॉड कम होंगे, टेलीकॉम सेवाएं ज्यादा पारदर्शी बनेंगी और यूजर्स के लिए मोबाइल नंबर लेना और इस्तेमाल करना पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा। अब देखना ये है कि सरकार इन सिफारिशों को कब लागू करती है और टेलीकॉम कंपनियां इन बदलावों को कैसे अपनाती हैं।
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