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भारत का एक और चर्चित बैंक हुआ बंद! ग्राहकों के पैसे फंसे, RBI ने लगाया प्रतिबंध RBI

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RBI : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बड़ा एक्शन लेते हुए इसकी सभी बैंकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद बैंक के ग्राहक चिंता में आ गए हैं क्योंकि अब वे अपने खातों से पैसे न तो निकाल सकते हैं और न ही जमा कर सकते हैं।

बैंकिंग सेवाओं पर पूरी तरह रोक

आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक की सभी वित्तीय गतिविधियां ठप हो गई हैं। अब बैंक कोई नया लोन नहीं दे सकता, नए ग्राहकों से पैसा नहीं ले सकता, और न ही कोई नया निवेश कर सकता है। इतना ही नहीं, मौजूदा देनदारियों का भुगतान भी नहीं हो सकता। यानी जो भी बैंक से किसी तरह के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे, उन्हें झटका लग सकता है।

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ग्राहकों के लिए राहत की बात क्या है

हालांकि यह खबर खाताधारकों के लिए चिंता की बात है, लेकिन राहत की बात यह है कि जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत सुरक्षा दी जाएगी। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक, हर खाताधारक को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा। यानी अगर आपका पैसा बैंक में फंसा है और वह 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है।

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आरबीआई ने क्यों लिया यह फैसला

अभी तक आरबीआई ने इस कार्रवाई के पीछे की ठोस वजह का खुलासा नहीं किया है, लेकिन आमतौर पर ऐसे कदम तब उठाए जाते हैं जब किसी बैंक की वित्तीय स्थिति खराब होती है या वह बैंकिंग नियमों का पालन नहीं करता। बैंक के वित्तीय हालातों की गंभीरता को देखते हुए यह पाबंदी लगाई गई है।

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खाताधारकों को क्या करना चाहिए

अगर आप इस बैंक के ग्राहक हैं, तो सबसे पहले आपको यह समझना जरूरी है कि आपका पैसा पूरी तरह से डूबा नहीं है। 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर बीमा कवरेज मिलेगा, यानी अगर आपका बैलेंस इससे कम है, तो आपको पूरी रकम मिल जाएगी। हालांकि, इसमें कुछ समय लग सकता है। जिनके पास इससे ज्यादा पैसा जमा है, उन्हें आरबीआई की आगे की कार्रवाई का इंतजार करना होगा।

आरबीआई की सख्ती क्यों जरूरी है

भारतीय रिज़र्व बैंक देश की बैंकिंग व्यवस्था पर नजर रखने वाली सर्वोच्च संस्था है। उसकी जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सभी बैंक सही तरीके से काम करें और ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रहें। अगर कोई बैंक नियमों का पालन नहीं करता या वित्तीय संकट में आ जाता है, तो आरबीआई को मजबूरन इस तरह के कड़े कदम उठाने पड़ते हैं।

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आगे क्या होगा

फिलहाल बैंक के भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। आरबीआई समय-समय पर बैंक की स्थिति की समीक्षा करेगा और अगर बैंक खुद को संभालने में सक्षम होता है, तो इस रोक को हटाया जा सकता है। लेकिन अगर वित्तीय हालात नहीं सुधरे, तो बैंक के खिलाफ और सख्त कार्रवाई हो सकती है।

सबक क्या है

इस तरह की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने पैसों को एक ही बैंक में जमा करने के बजाय अलग-अलग बैंकों में रखना चाहिए। बैंक चुनते समय उसकी वित्तीय स्थिति और आरबीआई के नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

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आरबीआई की यह कार्रवाई बैंकिंग सेक्टर में अनुशासन बनाए रखने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा का एक बड़ा उदाहरण है। ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि धैर्य रखना होगा और आरबीआई की आगे की कार्रवाई पर नजर बनाए रखनी होगी।

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Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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