Land Possession : सरकारी ज़मीन पर कब्जा करने वालों के लिए खुशखबरी! अब जो लोग सालों से सरकारी या पंचायती ज़मीन पर घर बनाकर रह रहे हैं, उनके लिए सरकार ने मालिकाना हक देने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिनका पालन करने पर ज़मीन को कानूनी रूप से अपने नाम करवाया जा सकता है। खासतौर पर हरियाणा सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
सरकारी ज़मीन पर कब्जे का मामला
गांवों में सरकारी ज़मीन पर कब्जे की घटनाएं आम हो गई हैं। लोग सालों से वहां घर बनाकर रह रहे हैं और अब सरकार ने ऐसे लोगों को ज़मीन का मालिकाना हक देने का प्लान बनाया है। सरकार ने इसके लिए कुछ नियम तय किए हैं, जिनका पालन करने के बाद यह ज़मीन आपकी हो सकती है।
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला
हरियाणा की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में ‘हरियाणा विलेज बड़ा लैंड नियमितीकरण एक्ट 1961’ में बदलाव को मंजूरी दी है। इसके तहत जो लोग पिछले 20 साल से सरकारी या पंचायती ज़मीन पर रह रहे हैं, वे 500 वर्ग गज तक की ज़मीन को कलेक्टर रेट पर खरीद सकते हैं। यानी अब सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों को भी मालिकाना हक मिलने का रास्ता खुल गया है।
कौन लोग उठा सकते हैं इस योजना का लाभ
अगर आप सरकारी या पंचायती ज़मीन पर 20 साल से रह रहे हैं, तो आपको यह ज़मीन कलेक्टर रेट पर खरीदने का मौका मिलेगा। इस योजना के तहत:
- 500 वर्ग गज तक ज़मीन पर घर बना चुके लोग इसका लाभ उठा सकते हैं
- ज़मीन खरीदने के बाद आप इसे अपनी मर्जी से बेच भी सकते हैं
- इसके लिए सरकार ने 1 साल की समय सीमा दी है, जिसके भीतर फीस भरकर ज़मीन अपने नाम करानी होगी
किन इलाकों में सबसे ज्यादा कब्जे
रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में कई ऐसे गांव हैं जो पूरी तरह सरकारी ज़मीन पर बसे हुए हैं। खासकर यमुना और मारकंडा नदियों के किनारे बसे गांवों में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कई लोगों ने बाढ़ के कारण अपना घर खो दिया था और फिर उन्हें पंचायती ज़मीन पर मकान बनाकर रहना पड़ा। ऐसे लोगों को अब सरकार राहत देने जा रही है।
कैसे मिलेगी ज़मीन की मालिकाना हक
- सबसे पहले आपको यह साबित करना होगा कि आप 20 साल से ज्यादा समय से सरकारी या पंचायती ज़मीन पर रह रहे हैं
- सरकार ने तय किया है कि 500 वर्ग गज तक की ज़मीन के लिए मालिकाना हक दिया जाएगा
- इस ज़मीन की कीमत कलेक्टर रेट के हिसाब से तय होगी, जिसे भुगतान करने के बाद ज़मीन आपके नाम हो जाएगी
- ज़मीन के मालिक बनने के बाद आप इसे कानूनी रूप से बेच भी सकते हैं
नियमों में बदलाव
पहले ऐसे मामलों पर फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होता था, लेकिन अब सरकार ने पंचायत विभाग के निदेशक को अधिकृत कर दिया है। इसका मतलब है कि अब इस प्रक्रिया में देरी नहीं होगी और तेजी से लोगों को उनकी ज़मीन का मालिकाना हक मिल सकेगा।
कब तक मिलेगी यह सुविधा
सरकार ने साफ कर दिया है कि सभी कब्जाधारकों को 1 साल का समय दिया जाएगा। इस दौरान वे ज़मीन की कीमत चुका कर उसे अपने नाम करवा सकते हैं। पहले यह प्रक्रिया लंबी थी और इसके लिए सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इसे आसान बना दिया गया है।
अगर आप भी सरकारी या पंचायती ज़मीन पर पिछले 20 साल से रह रहे हैं, तो आपके लिए यह सुनहरा मौका है। सरकार ने इसे कानूनी रूप से आपके नाम करने की योजना बनाई है। 1 साल के भीतर प्रक्रिया पूरी कर लें और मालिकाना हक प्राप्त करें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।