TRAI New Rules : अगर आप सोच रहे हैं कि आपके 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर बंद होने वाले हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है! TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने हाल ही में कुछ नए नियम और सिफारिशें जारी की हैं, जिससे टेलीकॉम सेवाएं और ज्यादा बेहतर और पारदर्शी बनेंगी। ये बदलाव दूरसंचार क्षेत्र में नंबरिंग संसाधनों के सही उपयोग और उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए किए गए हैं। आइए, जानते हैं TRAI की इन सिफारिशों के बारे में विस्तार से!
1. नंबरों पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा
TRAI ने यह सिफारिश की है कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को मोबाइल नंबरिंग संसाधनों पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाना चाहिए। यानी, उपभोक्ताओं को नंबर अलॉट कराने के लिए ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे और टेलीकॉम कंपनियों को भी बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के नंबर मिलते रहेंगे। इससे उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
2. अनयूज़्ड नंबर वापस लिए जाएंगे
TRAI ने यह भी सुझाव दिया है कि जो मोबाइल नंबर लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं, उन्हें वापस लिया जाए और जरूरतमंद यूज़र्स को दोबारा आवंटित किया जाए। इससे नंबरों की बर्बादी रुकेगी और नए ग्राहकों को आसानी से नंबर उपलब्ध होंगे।
3. नंबरिंग सिस्टम में बदलाव
TRAI ने मौजूदा SDCA (Short Distance Charging Area) मॉडल से हटकर LSA (License Service Area) आधारित 10 अंकों की बंद नंबरिंग योजना का प्रस्ताव रखा है। इसका मतलब यह है कि पहले जो नंबरिंग सीमित थी, अब उसे और ज्यादा ऑपरेटर्स के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे ज्यादा लोगों को नए नंबर मिल सकेंगे।
4. STD कॉलिंग पैटर्न में बदलाव
अब अगर आपको फिक्स्ड लाइन (लैंडलाइन) से किसी को STD कॉल करनी है, तो आपको पहले “0” लगाना होगा। यानी, अगर आप किसी दूसरे शहर में किसी को लैंडलाइन से कॉल कर रहे हैं, तो पहले “0” डायल करना अनिवार्य होगा। लेकिन मोबाइल से मोबाइल, मोबाइल से लैंडलाइन और लैंडलाइन से मोबाइल कॉलिंग पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
5. कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सिस्टम
TRAI चाहता है कि सरकार कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली को जल्द लागू करे। इस सिस्टम के जरिए, जब कोई आपको कॉल करेगा, तो उसकी स्क्रीन पर उसका नाम दिखेगा, ठीक वैसे ही जैसे Truecaller काम करता है। इससे स्पैम कॉल, साइबर फ्रॉड और फेक कॉल्स पर रोक लगेगी, जिससे लोगों को अनवांटेड कॉल्स से राहत मिलेगी।
6. नंबर निष्क्रिय करने के नए नियम
TRAI ने मोबाइल नंबरों की निष्क्रियता को लेकर भी नए दिशानिर्देश दिए हैं:
- कोई भी नंबर 90 दिनों से पहले निष्क्रिय नहीं किया जा सकता
- अगर कोई नंबर 365 दिनों तक इस्तेमाल नहीं किया गया, तो उसे डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा
इससे पुराने और बेकार पड़े नंबरों को फिर से इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और टेलीकॉम कंपनियों को नए नंबर देने में आसानी होगी।
7. M2M (Machine-to-Machine) कनेक्शंस के लिए 13-अंकीय नंबर
IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और स्मार्ट डिवाइसेस की बढ़ती मांग को देखते हुए, TRAI ने M2M कनेक्शनों के लिए 13-अंकीय नंबरों का प्रस्ताव दिया है। इसका मतलब यह है कि जो भी स्मार्ट डिवाइस और मशीनें (जैसे स्मार्ट मीटर, ट्रैकिंग डिवाइस आदि) मोबाइल नेटवर्क से जुड़ी होती हैं, उनके लिए अलग से 13-अंकीय नंबर होंगे। इससे मोबाइल नंबरों की भीड़ कम होगी और नए उपयोगकर्ताओं को आसानी से नंबर मिल सकेंगे।
8. शॉर्टकोड्स की मॉनिटरिंग
TRAI ने यह भी सिफारिश की है कि शॉर्टकोड (जैसे इमरजेंसी सेवाओं के लिए 100, 101, 108 आदि) को सिर्फ सरकारी संस्थाओं के लिए रिजर्व किया जाए और इन्हें मुफ्त में अलॉट किया जाए। इसके अलावा, DoT (दूरसंचार विभाग) को हर साल इन शॉर्टकोड्स का ऑडिट करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई बेकार पड़े कोड्स वापस ले लिए जाएं और नए जरूरी उपयोग के लिए आवंटित किए जाएं।
टेलीकॉम इंडस्ट्री और यूज़र्स को कैसे मिलेगा फायदा
इन बदलावों से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बहुत सारे फायदे होंगे:
- यूज़र्स को पारदर्शी और बेहतर सेवाएं मिलेंगी
- स्पैम कॉल और साइबर फ्रॉड में कमी आएगी
- नंबरिंग सिस्टम का सही उपयोग होगा और नए ग्राहकों को आसानी से नंबर मिलेंगे
- लैंडलाइन से कॉलिंग सिस्टम को बेहतर बनाया जाएगा
- IoT और स्मार्ट डिवाइसेस के लिए अलग नंबरिंग सिस्टम लागू होगा
TRAI की ये सिफारिशें अगर लागू हो जाती हैं, तो टेलीकॉम इंडस्ट्री ज्यादा संगठित और उपभोक्ता-अनुकूल हो जाएगी। इससे मोबाइल यूज़र्स को भी बहुत फायदा होगा और भारत में टेलीकॉम सेक्टर को मजबूती मिलेगी। तो, तैयार हो जाइए इस नए बदलाव के लिए।
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