CIBIL Score Checking Rules : आजकल लोन लेना हो या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना हो, सबसे पहले बैंक या NBFC आपका CIBIL स्कोर चेक करता है। अब तो आप स्मार्टफोन से भी मिनटों में अपना क्रेडिट स्कोर देख सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बार-बार CIBIL स्कोर चेक करने से आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ सकता है? अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपको हार्ड इन्क्वायरी और सॉफ्ट इन्क्वायरी का फर्क जरूर समझना चाहिए।
हार्ड इन्क्वायरी क्या होती है
जब आप किसी बैंक या NBFC में लोन अप्लाई करते हैं और वे आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं। अब अगर आप एक साथ कई बैंकों में लोन के लिए अप्लाई कर देते हैं, तो हर बैंक आपका स्कोर चेक करेगा। इससे आपके CIBIL स्कोर में गिरावट आ सकती है।
हार्ड इन्क्वायरी के नुकसान
- जब कई बैंक आपका स्कोर चेक करते हैं, तो CIBIL स्कोर के कुछ पॉइंट कम हो जाते हैं
- यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज हो जाता है कि आपने कितनी बार हार्ड इन्क्वायरी करवाई है
- बार-बार लोन अप्लाई करने से बैंक को लगता है कि आपको पैसों की सख्त जरूरत है, जिससे लोन अप्रूवल में दिक्कत आ सकती है
- अगर आप हर महीने लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो आपकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठ सकता है
सॉफ्ट इन्क्वायरी क्या होती है
अब बात करते हैं सॉफ्ट इन्क्वायरी की। जब आप खुद ही किसी ऐप या वेबसाइट पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहते हैं। इसका CIBIL स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता।
सॉफ्ट इन्क्वायरी के फायदे
- आप बिना किसी नुकसान के अपना स्कोर देख सकते हैं
- इससे आपको पता चलता है कि आपका स्कोर कैसा है और उसे सुधारने के लिए क्या करना चाहिए
- अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले खुद स्कोर चेक करके अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको लोन मिलेगा या नहीं
- हालांकि, हर दिन स्कोर चेक करने की जरूरत नहीं होती, इसे 3-6 महीने में एक बार देखना सही रहता है
कितनी बार CIBIL स्कोर चेक करना चाहिए
अगर आप लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो हर 3-6 महीने में एक बार स्कोर चेक करना सही रहता है। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपका स्कोर सही है या नहीं।
अगर आप लोन अप्लाई कर रहे हैं, तो पहले खुद सॉफ्ट इन्क्वायरी करके स्कोर चेक कर लें, ताकि बैंक की हार्ड इन्क्वायरी से स्कोर न गिरे।
CIBIL स्कोर कम होने की वजहें
CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। 750+ स्कोर अच्छा माना जाता है और इससे लोन मिलने के चांस बढ़ जाते हैं। लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे स्कोर गिर जाता है।
1. लोन या क्रेडिट कार्ड बिल समय पर न भरना
- अगर आप EMI, क्रेडिट कार्ड बिल या लोन की किस्तें समय पर नहीं चुकाते, तो आपका स्कोर गिर सकता है।
2. ज्यादा लोन अप्लाई करना
- अगर आप एक साथ कई बैंकों में लोन अप्लाई करते हैं, तो हर बैंक आपका स्कोर चेक करेगा, जिससे CIBIL स्कोर गिर सकता है।
3. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो ज्यादा होना
- अगर आप अपनी क्रेडिट लिमिट का 30-40% से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है।
4. लोन सेटलमेंट कराना
- अगर आपने किसी बैंक से लोन लिया और उसे पूरी तरह चुकाने की बजाय सेटलमेंट कर लिया, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज हो जाएगा और CIBIL स्कोर गिर जाएगा।
5. गलत व्यक्ति का गारंटर बनना
- अगर आपने किसी का लोन गारंटर बनकर उसकी मदद की और वह लोन नहीं चुका पाया, तो इसका सीधा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ेगा।
CIBIL स्कोर सुधारने के आसान तरीके
अगर आपका स्कोर कम है, तो इन तरीकों से आप उसे सुधार सकते हैं:
- EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं
- क्रेडिट लिमिट का 30-40% से ज्यादा इस्तेमाल न करें
- हर महीने नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से बचें
- पुराने क्रेडिट कार्ड बिना वजह बंद न करें
- अगर लोन लिया है, तो पूरी रकम चुकाएं, सेटलमेंट से बचें
कब और कैसे चेक करें CIBIL स्कोर
अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले सॉफ्ट इन्क्वायरी करके अपना स्कोर देख लें। बार-बार बैंक में अप्लाई करने से हार्ड इन्क्वायरी होती है, जिससे स्कोर गिर सकता है। हर 3-6 महीने में एक बार स्कोर चेक करना सही रहेगा।
अगर आपने ऊपर दिए गए सुझावों को फॉलो किया, तो आपका CIBIL स्कोर हमेशा अच्छा बना रहेगा और आपको आसानी से लोन मिल सकेगा।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।